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Poetry

Playgirl

How do I find you? You are nowhere to see. I am not liking the fact of being invisible and taking even my existence and

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Poetry

Poetry

मेरे हर परंतु और अल्प विराम को संभाल कर पूर्ण विराम दिया। मुलाकातें कुछ ही सही , हमारी दोस्ती को गहरा कर दिया।।

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मैं और मेरी तन्हाई

मैं और मेरी तन्हाई आज के इस दौर में मैं और मेरी तन्हाई कहीं खो से गए हैं हम ना एक दूसरे के साथ हैं

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Poetry

मैं और मेरी तन्हाई

मैं और मेरी तन्हाई आज के इस दौर में मैं और मेरी तन्हाई कहीं खो से गए हैं हम ना एक दूसरे के साथ हैं

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Hindi Poetry

“अवाम का आत्मकथ्य”

हम चाहने वाले पशु हैं हम जो होता है उसे ही चाहते है बाद में उसके होने का शोक मनाते हैं बाद में जो नहीं

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Hindi Poetry

“लोग”

बड़े अजीब है लोग सांप से लहराते हुए चलने वाले बात बात पर बात बदल बदल के बोलने वाले लोगों के लिए आप महज़ पीकदान

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Hindi Poetry

“पिता”

आज भी देखा है मैंने पिता को शाम को कंडिया लेकर शनिवार के रोज़ कट्टे के थैले में हमारे लिए खिलौने लाते हुए पहले छुपाते

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Hindi Poetry

“चुप” रहने की आसानी पर

आसान है चुप रहना बहुत आसान है बकबादियों के विवर में चुप रहकर बचे रहना कालों की दुनिया में सफेदपोश हो किसी भी अंदर के

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