नीना राजपाल (UBI जंगल की एक सुबह प्रतियोगिता | सहभागिता प्रमाण पत्र )
एक सुबह जंगल मे जाना हुआ ! चारो और छाई थी हरियाली ! था खूबसूरत समा ! दिल खो गया उन वादियों मे वहां !
एक सुबह जंगल मे जाना हुआ ! चारो और छाई थी हरियाली ! था खूबसूरत समा ! दिल खो गया उन वादियों मे वहां !
Early morn brings great delight The blazing sun is shining so bright The voices of nature are serenading Listen to the melody echoing Strolling in
The earth is metamorphosed into a concrete jungle. Under the loads of civilization,it seems incognizant from each and every angle. Parched eyes are so thirsty
उन गालियों मे एक शाम मेरा जाना हुआ ! थी वंहा भीड़ भाड़ ,था बहुत कोलाहाल ! मे वंहा ठहर गई ,फिर एक जगह नजर
मेरी ये कविता समर्पित है बाल श्रम को, और सब कुछ देख कर भी ना देखने की हमारी उदासीनता को। 🔅उस गली में 🔅 उस
छोड़ आए उस गली के सीने में दफन वो नादान बचपन वो अल्लडपन। छोड़ आए उस गली की रगों में वो मासूमियत हमारी कट्टी अपा
खास लगाव है मेरा उस गली से, ना ना, तुम नहीं समझ सकते। वो जो सड़क का आखिरी मकान देख रहे हो, घर था कभी
‘उस गली में’ ‘उस गली में’ देखो अपराह्न अफ्रा तफरी है, कहीं पक्के मकान तो कहीं टप्री है; जगमगाती बत्तियों से रात उजागर है, चल
ईश्वर ने पृथ्वी को ना तोड़ा था,बल्कि खुल्लम खुल्ला छोड़ा। उसी में हम जंजीर डाले, गलियां ,उपगलियां बना के जोड़ा। रास्ते को भी भटकने पर
UBI stands for United By Ink®️. UBI is a Global Platform- the real-time social media interactive forum created for Readers, Writers and Facilitators alike.This platform aims to help creative souls realize their writing goals.
Click on our representatives below to chat on WhatsApp or send us an email to ubi.unitedbyink@gmail.com