उनसे नज़रें क्या मिली , जैसे प्यार की इजाज़त मिल गई ,
सुध-बुध खो बैठी , लगा, जन्नत मुझे मिल गई ।
पंख लग गए मानो मुझे , सपनों की दुनिया में खोती गई ,
हौले से जब उसने छूआ मुझे ,,
सिरहन सी बदन में दौड़ गई ।
मेरा पहला प्यार था वो , कब और कैसे हुआ पता नहीं ,
नहीं भूल पाएंगे , उसके साथ बिताए लम्हों की यादें ज़हन में बैठ गई ।
कितनी शिद्दत से जीता है प्यार में ये दिल ,
उस प्यार के लिए जीना मरना सीख गई ।
पहले प्यार का पहला तोहफा , बड़ा अच्छे से सहेज कर रखा है ,
अब तो बस उसकी यादें बाकी रह गई ।
प्यार की कीमत तो प्यार करने वाले ही जानते हैं ,
उसके साथ , उसके स्पर्श से जिंदगी बिल्कुल बदल गई।
खुशनसीब होते हैं जिन्हें पहले प्यार का साथ हमेशा के लिए मिल जाता है ,
जिन्हें नहीं मिला , उनकी दुनिया बदल गई।
स्वरचित
रश्मि राठी
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