कभी किसी को ज़िन्दगी मुकम्मल नहीं मिलती ,
हर किसी के कुछ ‘काश ‘ रह ही जाते है ,
अपनी ख़्वाहिशों के विमान को नीचे लाती हूँ ,
आप के समक्ष कुछ कहना चाहती हुँ……….
औरत की इज़्ज़त करे हर एक इंसान ,
कोई बड़ा और कोई छोटा न हो ,ऐसा मिले वरदान ,
न मिले किसी को मुसीबतें मिले ख़ुशियाँ अपरम्पार,
ऐसा हो देश का हर घर परिवार ……
दरिंदो की दरिंदगी से बची रहे हर बेटी ,
क्रत ऐसा करने वालों को सज़ा फाँसी भी हो छोटी ,
कंधे से कंधा मिला सब आगे बड़ते जाए ,
नर -नारी हर हाल में एक दूसरे का साथ निभाय
ख़्वाब सब हमेशा देखिये ऊँची उड़ान का
हार कभी न बैठना देखकर क़द आसमान का
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