Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

ललिता वैतीश्वरन(धन्यवाद 2019|“सम्मान पत्र” )

रात भर वह छुप छुप कर रोयी थी ..गीली तकिया उसके रूदन की गवाह थी ..
” चाची..चाची ..” की फुसफुसाहट से उसका ध्यान भंग हुआ ..
छोटी गुडिया पास आकर कहने लगी
चाची ..रोओ मत ..तुम्हारी किताब दादी ने फेक दी तो क्या हुआ …तुम मेरी किताब ले लो ..
प्यार से रानी ने गुडिया को पुचकारा और …अचानक जैसे गुडिया की बात से उसे कोई हौसला मिला ..
गुडिया ….तूने कहा था न तुझे एक चित्र पर कहानी लिखनी है?
ला मैं तेरी मदद करती हूँ …
दूसरे दिन गुडिया ऊछलती हुई आई और कहने लगी
चाची …तुम्हारी कहानी सबसे अच्छी थी .मेरी टीचर तुमसे मिलना चाहती है …
गुडिया की टीचर तो कोई जादुगरनी निकली …
” रानी जी …आप बहुत अच्छा लिखती हैं…क्यों न अपनी कहानी किसी पत्रिका में भेजें ?”
” मैडम मेरे घर वाले मेरे पढ़ने लिखने के खिलाफ हैं…ओर मेरी किताब कॉपी देखकर उन्हे बहुत गुस्सा आता है ..वे कभी इसकी इजाज़त नहीं देंगे “…ओर वह फिर रो पड़ी …
रानी जी …मेरे पास एक तरकीब है …
आप इंटरनेट के ज़रिये पूरी दुनिया को अपना हूनर दिखा सकती हैं …न कॉपी न किताब …किसी को पता नहीं चलेगा …आप गुडिया के साथ कल स्कूल आईये …मेरे computer से आप अपनी कहानी
UBI पर भेजिये ….
..
आज रानी ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी .
उसकी कहानी को UBI ने न केवल पहला पुरुस्कार दिया था बल्कि उस को सम्मानित करने के लिए गुडिया के ही स्कूल के समारोह में आमांत्रित भी किया था …
ख़ुशी के आँसू बह रहे थे …
रानी बस इतना कह पाई
धन्यवाद इस वर्ष 2019 को
धन्यवाद UBI को
धन्यवाद गुडिया और उसकी टीचर को

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

1 Comments on “ललिता वैतीश्वरन(धन्यवाद 2019|“सम्मान पत्र” )

Leave a Comment

×

Hello!

Click on our representatives below to chat on WhatsApp or send us an email to ubi.unitedbyink@gmail.com

× How can I help you?