चलो भाई मिल के चलें
चलो भाई मिल के चलें
जीवन की राह में हम सब
संग-२ साथ-२ चलें
चलो भाई….
देश को अगर उन्नत है बनाना
दुनिया में है नाम कमाना
आपदा को गर आईना है दिखाना
साथी रे मिल कर हाथ बढ़ाना
चलो भाई …..
हुंकार भर कठिनाइयों को ललकार
जीवन-पथ पर क़दम बढ़ाना
ऐ इंसां सुनकर दुखियों का करुण क्रंदन
सहायता के लिये अपने हाथ उठाना
चलो भाई….
संघर्ष का दूजा नाम है जि़ंदगी
रात-दिन,हार-जीत,धूप-छाँव है ज़िंदगी
ग़म में खु़शी में साथ-२ जियेंगे हम
वक़्त पड़नेपर मदद का हाथ बढ़ायेंगे हम
चलो भाई…
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1 Comments on “रीता बधवार।(विधा : गीत) (साथी हाथ बढ़ाना | सम्मान-पत्र)”
It’s wonderfully expressed and conveys the true meaning 😊